• Wed. Jan 15th, 2025

Network10 Live

Uttarakhand News Portal

उत्तराखंड भाजपा का 2022 चुनावी घोषणा पत्र मात्र चुनावी स्टंट था या प्रदेश की भोली भाली जनता को ठगने का शिगूफा मात्र यह आरोप है उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का।

Share this

2022 विधानसभा चुनाव के भाजपा के घोषणा(दृष्टि पत्र) के कितने वादे हुए पूरे? – गरिमा मेहरा दसौनी

उत्तराखंड भाजपा का 2022 चुनावी घोषणा पत्र मात्र चुनावी स्टंट था या प्रदेश की भोली भाली जनता को ठगने का शिगूफा मात्र यह आरोप है उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी का।


दसौनी ने उत्तराखंड भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा की 2022 में उत्तराखंड की जनता से भाजपा ने अपने घोषणा पत्र (दृष्टि पत्र) के जरिए बहुत सारे वादे किए थे लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी भाजपा 56 पृष्ठों के घोषणा पत्र की एक चौथाई घोषणाएं भी पूरी नहीं कर पाई है।
गरिमा ने कहा की चाहे लोकायुक्त हो या महिलाओं ,युवाओं और किसानों से किए गए वादे भाजपा कहीं भी अपनी बातों पर खरी नहीं उतरी है ।
ऐसे में 23 हारी हुई विधानसभाओं में भाजपा के सांसद आखिर जनता के सामने क्या रिपोर्ट कार्ड लेकर जाएंगे? दसौनी ने कहा की अव्वल तो भाजपा यह बताएं कि बाकी बची 47 विधानसभा क्षेत्र की जनता के साथ पक्षपात पूर्ण रवैया क्यों अपनाया जा रहा है? क्योंकि भाजपा कुशासन का जो दंश महंगाई बेरोजगारी के रूप में 23 विधानसभाएं झेल रही हैं वही 47 का भी हाल है। भाजपा बताएं कि आखिर उनके जीते हुए विधायकों ने अपने क्षेत्र की कितनी समस्याओं का निस्तारण किया और घोषणा पत्र को कितना अमली जामा पहनाने में वह सफल रहे हैं? ऐसे में जनता आज भाजपा के झूठ को पहचान चुकी है और यह जान चुकी है कि भाजपा का भाषण ही उसका शासन होता है ।दसौनी ने कहा की चुनावी बेला में लच्छेदार भाषा में भाजपा के दिग्गज नेता जनता के साथ बड़े-बड़े वादे करते हैं और सत्ता प्राप्ति के बाद उसी जनता को दुश्वारियां झेलने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। दसौनी ने कहा कि आज प्रदेश भर में जनता सड़क के गड्ढों से परेशान है ,वहीं महिला उत्पीड़न में राज्य अग्रणी स्थान ले चुका है, लगातार राज्य में कानून का राज समाप्त होता दिखाई पड़ रहा है, भू माफिया खनन माफिया और शराब माफिया राज्य पर हावी होते हुए दिखाई दे रहे हैं ।भाजपा विधायकों के क्षेत्र में व्यवस्थाएं जर्जर अवस्था में है सड़क स्वास्थ्य शिक्षा सब पटरी से उतर चुकी है। रोजगार का कहीं अता पता नहीं है। ऐसे में भाजपा बताएं कि उनके सांसदों को उत्तराखंड कीJ जनता हाथों-हाथ क्यों ले? उत्तराखंड में आई तमाम चुनौतियों के बाद भी जीते हुए भाजपा के पांचो सांसद गुमशुदा रहे और ना ही उन्होंने अग्निविर जैसी आत्मघाती योजना को दिल्ली में मुखरता से विरोध करने का काम किया। ऐसे में उत्तराखंड की जनता आगामी लोकसभा और निकाय चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है। दसोनी ने कहा महेंद्र भट्ट का यह कहना कि कांग्रेस के कार्यकाल में निकाय चुनाव कभी समय पर नहीं हुए बहुत ही बचकाना है इसलिए क्योंकि कांग्रेस के पास ना तो कभी भाजपा की तरह प्रचंड बहुमत था और ना ही डबल ट्रिपल इंजन की सरकार और तो और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने का कुत्सित प्रयास भाजपा के द्वारा जरूर किया गया ।
कभी राष्ट्रपति शासन लगाया गया तो कभी खरीद फरोख्त करके कांग्रेस के विधायकों को भाजपा में सम्मिलित कराया गया ,ऐसे में चुनाव प्रभावित होना लाजिमी था पर यदि महेंद्र भट्ट और उनकी पार्टी को कांग्रेस की ही नकल करनी थी तो फिर सत्ता परिवर्तन का औचित्य ही क्या है।भाजपा स्वयं को पार्टी विद द डिफरेंट कहती है ऐसे में महेंद्र भट्ट कांग्रेस से होड़ क्यों कर रहे हैं ?यदि भाजपा जीरो टॉलरेंस और दृढ़ इच्छा शक्ति की सरकार है तो उन्हें निकाय चुनाव समय पर कराने चाहिए और इस तरह की बेसिर पैर की बयान बाजी से बचना चाहिए।

Share this

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *