• Sat. Mar 15th, 2025

Network10 Live

Uttarakhand News Portal

सरकार तकनीकी उन्नयन, प्रशिक्षण और अनुदान सहायता के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित कर रही है : जोशी    

Share this

 

सरकार तकनीकी उन्नयन, प्रशिक्षण और अनुदान सहायता के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित कर रही है : जोशी

 

देहरादून, 10 मार्च। सूबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज क्षेत्रीय रेशम उत्पादन अनुसंधान केंद्र, केंद्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार, सहसपुर-देहरादून एवं भीमताल-नैनीताल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय रेशम कृषि मेले का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर मंत्री ने रेशम विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने मंत्री को ककून की माला भेंट की। इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने रेशम के क्षेत्र उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को सम्मानित भी किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय रेशम उत्पादन अनुसंधान केंद्र सहसपुर-देहरादून द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड की पर्यावरणीय अनुकूलता को देखते हुए ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और पलायन रोकने में रेशम उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह किसानों द्वारा कृषि, पशुपालन जैसे अन्य कार्यों के साथ आसानी से किया जा सकता है और आर्थिक रूप से लाभदायक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बाईवोल्टीन रेशम कोया उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर की है। खासतौर पर राज्य के मैदानी और तराई क्षेत्र इस प्रजाति के कोया उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं। वहीं, दूरस्थ पर्वतीय अंचलों में ओक टसर, मूगा और एरी रेशम जैसे वन्या रेशम उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इस पहल से स्थानीय लोगों को अपने ही गांवों में रोजगार मिलेगा और पलायन की समस्या को भी कम करने में सहायता मिलेगी।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इस वर्ष से “रेशम ककून क्राफ्ट” योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत महिला रेशम कृषक रेशम कोयों से आकर्षक और मनमोहक ककून क्राफ्ट उत्पादों का निर्माण कर रही हैं, जो बाजार में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि हो रही है, बल्कि उत्तराखंड के रेशम उद्योग को नई पहचान भी मिल रही है। कृषि मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में रेशम उत्पादन को बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को वृक्षारोपण, कीटपालन भवन और कीटपालन उपकरणों जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके साथ ही, रेशम कीटपालकों को प्रशिक्षित करने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे उनकी दक्षता और क्षमता में वृद्धि हो सके। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड को देश में रेशम उत्पादन के हब के रूप में स्थापित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को रेशम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के प्रचार प्रसार पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सरकार तकनीकी उन्नयन, प्रशिक्षण और अनुदान सहायता के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। आने वाले वर्षों में उत्तराखंड के रेशम उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचेंगे और इससे राज्य की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।उन्होंने कहा कि राज्य में रेशम उद्योग के सर्वांगीण विकास के लिए किसानों, विभाग और सरकार की संयुक्त जिम्मेदारी है, जिसे सभी को निष्ठा और ईमानदारी से निभाना होगा। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेगी। रेशम कृषि मेले में सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंचे और उन्होंने रेशम पालन से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, सरकारी योजनाओं और बाजार के नए अवसरों के बारे में जानकारी भी प्राप्त की। इस दौरान विभागीय मंत्री गणेश जोशी ने परिसर में शहतूत के पौधे का रोपण भी किया।
*इन प्रगतिशील 06 किसानों को किया गया सम्मानित* – बागेश्वर – दीवान सिंह कपकोटिया, भीमताल – अमित कुमार, चकराता – खजान सिंह, देहरादून -फूलवती देवी, संतोष, लक्ष्मी देवी आदि।
इस अवसर पर प्रशासक देहरादून जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, निर्वतमान रेशम फेडरेशन अध्यक्ष अजीत चौधरी, डायरेक्टर प्रदीप, निदेशक एन. बी. चौधरी, प्रबंध निदेशक ए.डी.शुक्ला, निदेशक रेशम प्रदीप कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में किसान उपस्थित रहे।

Share this

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *