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हर साल होली के पाॅचवें दिन चैत्रवदी पंचमी को श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है  

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हर साल होली के पाॅचवें दिन चैत्रवदी पंचमी को श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है

 

 

देहरादून। दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज में सोमवार को बड़ी भारी संख्या में संगतें एवम् श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे। उन्होंने श्री दरबार साहिब एवम् श्री झण्डे जी पर माथा टेका और मनौतियां मांगी। दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज के सज्जादे गद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने भी संगतों को दर्शन दिए एवम् आशीर्वाद दिया।
श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने संगतों को श्री झण्डे जी के एतिहासिक एवम् धार्मिक महत्व से प्रकाशवान किया। उन्होंने कहा कि परमात्मा को प्रसन्न करने के लिए भाव होना आवश्यक है। यदि हमारे मन में भाव लगन है तो परमात्मा के दर्शन अवश्य होंगे। सच्चा गुरु शिष्य को समर्थ करता है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन अमूल्य है, इसे व्यर्थ में नष्ट न करें। श्री गुरु महाराज जी की भक्ति में लीन होकर इस जीवन को सफल बनाएं। संगतों की आस्था एवम् श्रद्धाभाव ही श्री झण्डा जी मेले की चढ़दी कलां है। मंगलवार को नई संगतों को नामदान एवम् गुरुमंत्र दिया जाएगा। परंपरा के अनुसार श्री झण्डे जी आरोहण से पूर्व एवम् बाद में गुरु मंत्र दिया जाता है।
श्री झण्डे जी मेले का यह है एतिहासिक महत्व
सिखांे के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय जी के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज का जन्म सन् 1646 ई. मंे जिला होशियारपुर के कीरतपुर, पंजाब में हुआ था। श्री गुरु राम राय जी महाराज ने देहरादून को अपनी तपस्थली चुना व श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए विशाल झण्डा लगाकर श्रद्धालुओं को ध्वज से आशीर्वाद लेने का संदेश दिया था। हर साल होली के पाॅचवें दिन चैत्रवदी पंचमी को श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है व हर साल श्री झण्डे जी मेल का आयोजन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के अवसर पर हर साल दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज, देहरादून में श्री झण्डे जी मेले का आयोजन किया जाता है।

केबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने
श्री दरबार साहिब में टेका मत्था
प्रदेश के कृषि एवम् कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को श्री दरबार साहिब में माथा टेका। उन्होंने श्री दरबार साहिब के श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज से शिष्टाचार भेंट की और आशीर्वाद प्राप्त किया। दोनांे के बीच प्रदेश के समसामयिक विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। श्री दरबार साहिब की परंपरा के अनुसार सोमवार को केबिनेट मंत्री उत्तराखण्ड सरकार का स्वागत किया गया। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री ने सभी संगतों और श्रद्धालुओं को ऐतिहासिक झण्डे जी मेले की बधाई एवम् शुभकामनाएं दीं।
श्री दरबार साहिब पवित्र सरोवर ने
बढ़ाई श्री झण्डा महोत्सव की शोभा
श्री दरबार साहिब पवित्र सरोवर का इतिहास श्री दरबार साहिब के इतिहास के साथ ही जुड़ा हुआ है। श्री दरबार साहिब में कालांतर से ही श्री झण्डे जी मेले में शामिल होने के लिए आने वाली संगतें एवम् श्रद्धालु पवित्र सरोवर में श्रद्धापूर्वक आस्था की डूबकी लगाते हैं और पुण्य अर्जित करते हैं। पवित्र सरोवर जीर्णोद्धार के बाद श्री दरबार साहिब सरोवर अब और भी खूबसूरत एवम् आकर्षक हो गया है। खासतौर पर रात के समय लाइटिंग के साथ पवित्र सरोवर की शोभा अद्वितीय प्रतीत हो रही है। पवित्र सरोवर में ओजोन वाटर फिल्ट्रेशन प्लांट लगाया गया है जो पानी को दूषित नहीं होने देता है और पानी की स्वच्छता को बनाए रखता है।
दूधिया रोशनी से नहाया श्री दरबार साहिब
श्री झण्डा जी मेला आयोजन समिति की ओर से आकर्षक साजो सज्जा का विशेष इंतजाम किया गया है। पूरे दरबार साहिब परिसर में विशेष साज-सज्जा की गई है। खासतौर पर रात के समय श्री दरबार साहिब की आभा देखते ही बन रही है। चारों ओर से पड़ रही दूधिया रोशनी के बीच श्री दरबार साहिब बेहद मनमोहक व आकर्षक दिखाई दे रहा है।
श्री दरबार साहिब में संगतों के पहुंचने का क्रम जारी
श्री झंडे जी मेले में शामिल होने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में संगतें श्री दरबार साहिब पहुंच गई हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, राजस्थान सहित देश के विभिन्न हिस्सों से संगतें रविवार को श्री दरबार साहिब पहुंचीं। विदेशी संगत भी श्री झण्डे जी मेले की शोभा में चार चांद लगा रही हैं।
गिलाफ सिलने का काम लगभग पूरा
श्री झण्डा जी मेला आयोजन समिति के मुख्य व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल ने जानकारी दी कि सोमवार को गिलाफ सिलने का काम बहुत तेज़ी के साथ चला। महिला संगतें श्रद्धाभाव के साथ गिलाफ सिलाई के कार्य को सम्पन्न कर रही हैं। काबिलेगौर है कि श्री झण्डे जी पर तीन तरह के गिलाफों का आवरण होता है। सबसे भीतर की ओर सादे गिलाफ चढ़ाए जाते हैं इनकी संख्या 41 (इकतालीस) होती है। मध्यभाग में शनील के गिलाफ चढ़ाए जाते हैं इनकी संख्या 21 (इक्कीस) होती है। सबसे बाहर की ओर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है इनकी संख्या 1 (एक) होती है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम, सीसीटीवी कैमरे रख रहे नज़र
मेला आयोजन स्थल पर 42 सीसीटीवी कैमरे निगरानी के लिए संचालित किए गए हैं। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डाॅक्टरों एवम् नर्सिंग स्टाफ की टीम मेला अस्पताल में उपलब्ध है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की ओर से निःशुल्क दवाईयां उपलब्ध हैं। 2 एम्बुलेंस मेला अस्पताल के सहयोग के लिए मेला आयोजन स्थल पर उपलब्ध हैं। मेला स्थल पर 25 फायर एक्सटिंगविशर लगाए गए हैं। श्री झण्डा जी मेला आयोजन समिति की ओर से 35 वर्दीधारी सुरक्षा गार्ड्स एवम् 500 संगत स्वंयसेवक मेला व्यवस्था, अनुशासन व्यवस्था एवम् संचालन कार्यों के लिए मुस्तैदी के साथ सेवारत हैं। पुलिस मेला थाना की ओर से आवश्यक तैयारियों को पूरा कर लिया गया है।

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By admin

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