• Wed. Jul 9th, 2025

Network10 Live

Uttarakhand News Portal

सहकारिता विभाग के ‘एप्पल मिशन’ से जोड़े जायेंगे सेब काश्तकार : धन सिंह रावत

Share this

उत्तराखंड में सेब उत्पादन की अपार संभावनाएंः डा0 धन सिंह रावत

सहकारिता विभाग के ‘एप्पल मिशन’ से जोड़े जायेंगे सेब काश्तकार : धन सिंह रावत

जम्मू-कश्मीर व हिमाचल की तर्ज पर विकसित किये जायेंगे बगीचे: धन सिंह रावत

पौड़ी/देहरादून, 21 अप्रैल 2024
उत्तराखंड में उद्यान के क्षेत्र में अपार सम्भावनएं हैं। राज्य सरकार इन सम्भावनाओं को हकीकत में बदलने में जुटी है। इसके लिये सरकार की ओर से कई योजनाएं संचालित की जा रही है, जिसमें सेब उत्पादन को बढ़ावा देना भी शामिल है। सहकारिता विभाग के अंतर्गत एप्पल मिशन के तहत काश्तकारों को सेब की खेती के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस मिशन के तहत प्रदेशभर के सेब काश्तकारों को जोड़ा जा रहा है ताकि जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल की तर्ज पर सेब के बगीचे विकसित कर उत्तराखंड को सेब उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाया जा सके।

यह बात प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज सेबाग एग्रो प्रा0 लि0 द्वारा पौड़ी गढ़वाल के चोपड़ा (नौगांव) में कलासन फार्म में आयोजित सेमिनार में कही। ‘उत्तराखंड में सेब की खेती की सम्भावनाओं’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमीनार में बतौर विशिष्ट अतिथि डा0 रावत ने कहा कि उत्तराखंड में सेब उत्पादन की अपार सम्भानाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की जलवायु सेब उत्पादन के लिये काफी मुफीद है। ऐसे में यहां सेब उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है। डा0 रावत ने बताया कि राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है और काश्तकारों के लिये कई योजनाएं चलाई जा रही है, जिनका लाभ काश्तकार उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेब की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये सहकारिता विभाग की कृषि ऋण योजना के अंतर्गत एक हजार सेब के बगीचे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये प्रदेशभर में सेब के 17 कलस्टर तैयार किये गये हैं। डा0 रावत ने बताया कि एप्पल मिशत के तहत अधिक से अधिक संख्या में सेब काश्तकारों को जोड़ा जायेगा ताकि जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश की भांति प्रदेश में सेब के बगीचे विकसित किये जा सके। उन्होंने सेब उत्पादन में विशेष पहचान बनाने के लिये सेब की गुणवत्ता व पैकिंग पर ध्यान देने की भी बात कही। उन्होने कहा कि इसके लिये किसानों को उन्न्त किस्म की प्रजातियों व वायरस फ्री पौधे लगाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है।

सेमीनार में दूरभाष के माध्यम से जुड़कर पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष व आयुर्वेदाचार्य बालकृष्ण ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखंड के पास जड़ी-बूटियों से लेकर उद्यान के क्षेत्र में अथाह सम्भावनाएं हैं। इसके लिये ठोस कार्य योजना विकसित की जाना चाहिये और काश्ताकारों को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाना चाहिये साथ ही उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाना आवश्यक है। इस अवसर पर कलासन फार्म के विक्रम रावत ने पहाड़ों में उच्च घनत्व वाले सेब के बाग की सफल स्थापना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सेब की खेती के लिये मिट्टी की तैयारी, रोपण दूरी, सिंचाई प्रणाली, प्रूनिंग थिनिंग और निराई के बारे में सेब काश्तकारों को कई टिप्स भी दिये।

इस अवसर पर पदमश्री व वरिष्ठ काश्तकार प्रेमचंद शर्मा, पूर्व खेल मंत्री, उत्तराखंड नारायण सिंह राणा, कालसन फर्म एवं सेबाग एग्रो प्रा0 लि0 के प्रतिनिधि एवं स्थानीय काश्तकार उपस्थित रहे।

*वी.पी. सिंह बिष्ट*
जनसम्पर्क अधिकारी/ मीडिया प्रभारी
माननीय सहकारिता मंत्री।

Share this

By admin

संविदा कर्मियों के आधार कार्ड सत्यापन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल उनकी पहचान की पुष्टि करती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि वे सरकारी योजनाओं और लाभों के लिए पात्र हैं या नहीं : डीएम    
जिलाधिकारी के निर्देशों पर पेयजल संकट वाले क्षेत्रों में नियमित निगरानी करते हुए ट्यूबवेल व नलकूपों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।  
मुख्यमंत्री ने पुरोला स्थित खेल मैदान के उच्चीकरण , मोरी के देवरा गांव में कर्ण महाराज मंदिर के सौंदर्यकरण, नौगांव में रुद्रेश्वर महादेव मंदिर का सौंदर्यीकरण, नौगांव सामुदायिक स्वास्थ केंद्र का विस्तारीकरण, पुरोला – नौगांव मोटर मार्ग डूकाणा रोड होते हुए मोरी बैंड तक बाईपास का निर्माण एवं मोरी के पट्टी गडूगाड़ के देवजानी ओरा से केदरकांठा तक पर्यटक क्षेत्र के घोषित किए जाने की घोषणा की  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *