शहर में कई ऐसे इलाके हैं, जहां गुप-चुप तरीके से आतिशबाजी की सामग्री बिक्री होती है। लेकिन, संबंधित विभाग को इसकी कानोंकान तक खबर नहीं होती है.. तो उधर आनंद पटाखा गोदाम का लाइसेंस निरस्त होने की उठने लगी मांग

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देहरादून की जिलाधिकारी महोदय जी आनंद पटाखा गोदाम का लाइसेंस निरस्त करने की उठने लगी है मांग.

आखिर किसने आबादी के बीच में.
आनंद पटाखा गोदाम का लाइसेंस मंजूर किया…

देहरादून की डीएम से निवेदन है इंद्रा आईवीएफ हॉस्पिटल के बगल में पटाखों के गोदाम का लाइसेंस निरस्त हो…

देहरादून में जान के साथ नहीं चलेगा खिलवाड़, ट्रांसपोर्ट नगर में पटाखों के गोदाम का लाइसेंस हो निरस्त, अब उठने लगी यही आवाज़

दून में नियमों को किया जा रहा है तार-तार आबादी वाले इलाकों में बम रख कर लोगों की जान को संकट में डालने का किया जा रहा है काम….

हादसा हो जाए तो उसके बाद जांच की बात कहकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। इस घटना को लेकर भी कुछ ऐसी ही संभावना जताई जा रही है। स्थानीय लोग दबी जुबान में इस पटाखा गोदाम को लेकर आशंकित थे.

 

सवाल ये है कि आईएसबीटी के लगभग आबादी वाले इलाके में आखिर किसने पटाखे के गोदाम को परमिशन दी

शहर में कई ऐसे इलाके हैं, जहां गुप-चुप तरीके से आतिशबाजी की सामग्री बिक्री होती है। लेकिन, संबंधित विभाग को इसकी कानोंकान तक खबर नहीं होती है.. तो उधर
आनंद पटाखा गोदाम का लाइसेंस निरस्त होने की उठने लगी मांग

आनंद पटाखा गोदाम में आग लग गई आग लगने से आसपास इलाके में हड़कंप मच गया, उठा सवाल आबादी वाले इलाके में पटाखे के गोदाम को परमिशन किसने दी

बड़ा सवाल इंद्रा आईवीएफ हॉस्पिटल के बगल में पटाखों के गोदाम का लाइसेंस किसने दिया… उठी मांग लाइसेंस हो निरस्त.!

 

राजधानी दून में नियमों को तार-तार किया जा रहा है। घोर आबादी वाले इलाकों में बम रख कर लोगों की जान को संकट में डालने का काम किया जा रहा है। ट्यूजडे को आईएसबीटी स्थित एक पटाखा गोदाम में लगी आग ने इस तरह के सवाल खड़े किए हैं।
फायर ब्रिगेड व पुलिस टीमों ने मौके पर पहुंचकर करीब दो घंटे में आग पर काबू पाया। लेकिन सवाल ये है कि आईएसबीटी के करीब आबादी वाले इलाके में आखिर किसने पटाखे के गोदाम को परमिशन दी। इसी को लेकर फायर डिपार्टमेंट ने जांच शुरू कर दी है।

ट्यूजडे को दोपहर करीब पौने चार बजे नियम आईएसबीटी आनंद पटाखा गोदाम में आग लग गई। आग लगने से आसपास इलाके में हड़कंप मच गया। गोदाम में तैनात स्टाफ ने पहले आग पर खुद ही काबू पाने की कोशिश की। लेकिन, आग बेकाबू होती रही। इसके बाद फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। जिसके बाद फायर ब्रिगेड व क्लेमेंट टाउन पुलिस मौके पर पहुंची और आग बुझाने का प्रयास किया। बड़ी घटना को देखते हुए फायर ब्रिगेड की चार गाडिय़ां मौके पर पहुंची और आग बुझाना शुरू किया।

फायर ब्रिगेड की टीम ने गोदाम की लाइट बंद करते हुए बगल में इंद्रा आईवीएफ हॉस्पिटल से होज पाइप के माध्यम से पानी लेकर आग बुझानी शुरू की। खास बात ये है कि गोदाम में पटाखे रखे हुए थे। ऐसे में फायर ब्रिगेड ने पानी के साथ ही फोम का इस्तेमाल किया। बमुश्किल करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। बताया जा रहा है कि बिजली शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी।

गोदाम के पहले व दूसरे मंजिल में भारी मात्रा में पटाखे रखे हुए थे। जबकि, तीसरी मंजिल में सामान रखा हुआ था। नीचे के पहले व दूसरे मंजिल में आग लगती तो बड़ा नुकसान हो सकता था।

कोलकाता से आते हैं पटाखे…
गोदाम के संचालक आनंद के मुताबिक वे होलसेल में पटाखे बेचते हैं। उनका सारा सामान कोलकाता से आता है। छत में कुछ सामान रखा हुआ था, उसी में आग लगी। घटना के समय कर्मचारियों ने आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस व फायर ब्रिगेड को सूचित किया गया।

बताया जा रहा है कि शहर में कई ऐसे इलाके हैं, जहां गुप-चुप तरीके से आतिशबाजी की सामग्री बिक्री होती है। लेकिन, संबंधित विभाग को इसकी कानोंकान तक खबर नहीं होती है। बस, हादसा हो जाए। उसके बाद जांच की बात कहकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। इस घटना को लेकर भी कुछ ऐसी ही संभावना जताई जा रही है। स्थानीय लोग दबी जुबान में इस पटाखा गोदाम को लेकर आशंकित थे।

पटाखा गोदाम के लाइसेंस की जांच शुरू कर दी गई है। यदि इस तरह आबादी एरिया में कहीं भी पटाखा गोदाम हैं, तो उनकी भी जांच की जाएगी और नियमों के विपरीत पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे।
-वंश बहादुर यादव, सीएफओ, देहरादून

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