मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण एजेंसियों को सड़क निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए

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मुख्यमंत्री ने वनाग्नि की घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम के लिये वन विभाग के कार्मिकों को ग्रामीणों के साथ बेहतर तालमेल बनाने के दिए निर्देश

हर साल वनों में लगने वाली आग को कम करने के लिये वन विभाग तैयार करे राज्य के लिए एक समावेशी प्लान:धामी

जंगल में लगी आग को कम करने के लिये देश के साथ ही विदेशो के विकसित मॉडल का हो अध्ययन : धामी

सड़क निर्माण एजेंसियां सड़क निर्माण में गुणवत्ता का रखें विशेष ध्यान :धामी

आम जन को गर्मी के सीजन में पेयजल की समस्या न हो इसके लिए मुख्यमंत्री ने पेयजल की आपूर्ति सुचारू करने के अधिकारियों को दिये निर्देश

मुख्यमंत्री ने वन विभाग के कार्मिकों को ग्रामीणों के साथ बेहतर तालमेल बनाने के भी निर्देश दिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग अपने ढांचे को निचले स्तर से सुदृढ़ कर बेहतर तरीके से कार्यों को क्रियान्वित करने पर ध्यान दे

मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण एजेंसियों को सड़क निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री ने सरकारी दफ्तरों में सोलर पैनल को बढ़ावा देने के लिए विद्युत विभाग को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।

सभी फायर वाचर को पिरुल एकत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे भविष्य में आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सके।

फरवरी 2019 से मई 2024 तक वनाग्नि की घटनाओं की तुलना में इस साल कम आग की घटनाएं घटित हुई है

 

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को फॉरेस्ट ट्रेनिंग अकादमी हल्द्वानी में वन, पेयजल, सड़क तथा विद्युत विभाग की समीक्षा की। उन्होंने वनाग्नि की घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम और कार्मिकों के मनोबल को बनाए रखने के लिए उच्च अधिकारियो को मौके पर फील्ड में बने रहने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ब्रिटिश काल की फायर लाइन जो अभी भी अस्तित्व में है, उन्हें रिस्टोर किया जाए ताकि वनाग्नि से जंगलों को काफी हद तक बचाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने वन विभाग के कार्मिकों को ग्रामीणों के साथ बेहतर तालमेल बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बेहतर तालमेल से किसी भी प्रकार की आपदा के समय ग्रामीण सहयोगी के रूप में भूमिका निभायेंगे। इससे आपदा के प्रभाव को कम करने में काफी हद तक मदद मिलेगी और ग्रामीण अपने वन-जंगल के प्रति भी जुड़ाव महसूस करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ ही वनाग्नि की घटनाओं से निपटने में यद्यपि वन विभाग प्रयासरत है फिर भी इस दिशा में वन विभाग राज्य के लिए एक समावेशी प्लान तैयार करे जिससे हर साल लगने वाली आग को कम से कम किया जा सके। उन्होंने इस संबंध में देश के साथ ही विदेशो के विकसित मॉडल का अध्ययन पर बल देते हुए कहा कि इसे जरूरत के हिसाब से अपने राज्य के प्लान में समावेशित किये जाने के प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग अपने ढांचे को निचले स्तर से सुदृढ़ कर बेहतर तरीके से कार्यों को क्रियान्वित करने पर ध्यान दे।

मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण एजेंसियों को सड़क निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। रोड सेफ्टी हेतु लगाए जा रहे क्रैश बैरियर पर क्षेत्र की परिस्थितिकी के अनुरूप पौधारोपण को भी कहा। आम जन को गर्मी के सीजन में पेयजल की समस्या न हो इसके लिए पेयजल की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसी भी कारणवश पेयजल लाइन बाधित होती है वहां अतिरिक्त टैंकर लगाकर पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने सरकारी दफ्तरों में सोलर पैनल को बढ़ावा देने के लिए विद्युत विभाग को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।

मुख्य वन संरक्षक पी के पात्रों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि सभी फायर वाचर को पिरुल एकत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे भविष्य में आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सके। बैठक में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि जनपद में फरवरी 2019 से मई 2024 तक वनाग्नि की घटनाओं की तुलना में इस साल कम आग की घटनाएं घटित हुई है।

बैठक में विधायक लालकुआ डॉक्टर मोहन बिष्ट, डीआईजी डा योगेन्द्र रावत, एस एस पी पी एन मीणा, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, मंडी परिषद अध्यक्ष अनिल कपूर, डीएफओ टीआर बीजूलाल, अधीक्षण अभियंता जलसंस्थान विशाल सक्सेना,एनडीआरएफ अनिल कुमार के साथ ही लोनिवि, विद्युत विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

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