• Thu. Jul 10th, 2025

Network10 Live

Uttarakhand News Portal

धामी सरकार : अब तक 23 सौ मीट्रिक टन पिरूल एकत्रित कर लिया गया है। एकत्रित पिरूल का ग्रामीणों को 50 रुपये प्रति किलो की दर से भुगतान मिल रहा है

Share this

धामी सरकार की पिरूल कलेक्शन स्कीम बन रही ग्रामीणों की आर्थिकी का आधार

जंगलों में फायर कंट्रोल में बड़ी मददगार साबित हो रही “पिरूल लाओ पैसा पाओ” योजना…

ग्रामीणों की सुविधा को राज्य की सभी रेंज में बनाए गए पिरूल कलेक्शन सेंटर.

धामी सरकार ने 3 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो निर्धारित किया पिरूल का दाम

धामी सरकार में पिरूल खरीदने के लिए 50 करोड़ का कार्पस फंड प्रस्तावित

सरकार की “पिरूल लाओ पैसा पाओ” योजना ग्रामीणों के लिए आर्थिकी का बड़ा आधार बन रही है

राज्य के गढ़वाल और कुमाऊं जोन में लगभग 100 रेंज में ग्रामीण बड़ी संख्या में पिरूल एकत्रित कर कलेक्शन सेंटर में ला रहे हैं

धामी सरकार : अब तक 23 सौ मीट्रिक टन पिरूल एकत्रित कर लिया गया है। एकत्रित पिरूल का ग्रामीणों को 50 रुपये प्रति किलो की दर से भुगतान मिल रहा है


सरकार की “पिरूल लाओ पैसा पाओ” योजना के शुरू होने पर बड़े शहरों में रोजगार की तलाश में गए ग्रामीण अब पिरूल एकत्रित करने अपने घर-गांव लौट रहे हैं

धामी सरकार की “पिरूल लाओ पैसा पाओ” योजना मतलब घर पर रोजगार मिलने के साथ ही रिवर्स पलायन को भी बढ़ावा

धामी सरकार की “पिरूल लाओ पैसा पाओ” योजना मतलब: जंगलों में आग पर नियंत्रण और हवा में बन रही जहरीली कार्बन डाइऑक्साइड से भी मुक्ति

 

राज्य के जंगलों में भड़की आग पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री धामी सरकार की “पिरूल लाओ, पैसा पाओ” स्कीम रंग ला रही है

 

धामी सरकार की “पिरूल लाओ पैसा पाओ” योजना मतलब: वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण

“पिरूल लाओ पैसा पाओ” स्कीम के तहत अभी तक 2300 मीट्रिक टन पिरूल एकत्रित हो गया योजना के दीर्घकालिक संचालन को कार्ययोजना बनाई जा रही है

“पिरूल लाओ पैसा पाओ” स्कीम:
आर्थिकी, रोजगार और रिवर्स पलायन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित होग

“पिरूल लाओ पैसा पाओ” स्कीम:
इससे पहाड़ की स्वच्छ आबोहवा में वनाग्नि से फैल रहे प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा

 

 

सरकार की “पिरूल लाओ पैसा पाओ” योजना ग्रामीणों के लिए आर्थिकी का बड़ा आधार बन रही है। राज्य के गढ़वाल और कुमाऊं जोन में करीब 100 रेंज में ग्रामीण बड़ी संख्या में पिरूल एकत्रित कर कलेक्शन सेंटर में ला रहे हैं। अब तक 23 सौ मीट्रिक टन पिरूल एकत्रित कर लिया गया है। एकत्रित पिरूल का ग्रामीणों को 50 रुपये प्रति किलो की दर से भुगतान मिल रहा है। इस योजना के शुरू होने पर बड़े शहरों में रोजगार की तलाश में गए ग्रामीण अब पिरूल एकत्रित करने अपने घर-गांव लौट रहे हैं। इससे घर पर रोजगार मिलने के साथ ही रिवर्स पलायन को भी बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही जंगलों में आग पर नियंत्रण और हवा में बन रही जहरीली कार्बन डाइऑक्साइड से भी मुक्ति मिल रही है।
राज्य के जंगलों में भड़की आग पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की “पिरूल लाओ, पैसा पाओ” स्कीम रंग ला रही है। स्कीम को अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ कि पिरूल कलेक्शन सेंटर में बड़ी मात्रा में पिरूल जमा हो रहा है। इससे जहां वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण हो गया है, वहीं ग्रामीणों को पिरूल एकत्रित करने से घर-गांव में रोजगार भी मिलने लगा है। यही नहीं गांव से शहरों में रोजगार की तलाश को गए लोग अब सरकार की पिरूल स्कीम से आकर्षित होकर गांव लौट रहे हैं। खासकर महिलाएं बड़ी संख्या में पिरूल योजना से जुड़ गईं हैं।

गौरतलब है कि सरकार ने वनों को आग से बचाने, आग लगने से वायुमंडल में फैल रही जहरीली गैस (कार्बन डाइऑक्साइड) से होने वाली बीमारियों से बचाव को पिरूल लाओ, पैसा पाओ स्कीम लागू की है। इसके लिए सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्कीम संचालन की जिम्मेदारी दी है। साथ ही स्कीम के लिए 50 करोड़ का कार्पस फंड प्रस्तावित किया है। सरकार की यह स्कीम शुरुआत में ही ग्रामीणों की आर्थिकी का बड़ा आधार बन रही है।

*कोट—–*
“पिरूल लाओ पैसा पाओ” स्कीम के तहत अभी तक 2300 मीट्रिक टन पिरूल एकत्रित हो गया है। योजना के दीर्घकालिक संचालन को कार्ययोजना बनाई जा रही है। यह योजना आर्थिकी, रोजगार और रिवर्स पलायन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे पहाड़ की स्वच्छ आबोहवा में वनाग्नि से फैल रहे
प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।

–पराग मधुकर धकाते, सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तराखंड।

Share this

By admin

संविदा कर्मियों के आधार कार्ड सत्यापन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल उनकी पहचान की पुष्टि करती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि वे सरकारी योजनाओं और लाभों के लिए पात्र हैं या नहीं : डीएम    
जिलाधिकारी के निर्देशों पर पेयजल संकट वाले क्षेत्रों में नियमित निगरानी करते हुए ट्यूबवेल व नलकूपों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।  
मुख्यमंत्री ने पुरोला स्थित खेल मैदान के उच्चीकरण , मोरी के देवरा गांव में कर्ण महाराज मंदिर के सौंदर्यकरण, नौगांव में रुद्रेश्वर महादेव मंदिर का सौंदर्यीकरण, नौगांव सामुदायिक स्वास्थ केंद्र का विस्तारीकरण, पुरोला – नौगांव मोटर मार्ग डूकाणा रोड होते हुए मोरी बैंड तक बाईपास का निर्माण एवं मोरी के पट्टी गडूगाड़ के देवजानी ओरा से केदरकांठा तक पर्यटक क्षेत्र के घोषित किए जाने की घोषणा की  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *