आज से 15 दिसंबर तक श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में हाथ और पैरों की खून की नसों की बीमारियो की जांच हेतु निःशुल्क परीक्षण

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आज से 15 दिसंबर तक श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में निःशुल्क परिधीय धमनी रोग शिविर…

आज से 15 दिसंबर तक श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में हाथ और पैरों की खून की नसों की बीमारियो की जांच हेतु निःशुल्क परीक्षण

 

 

आज से 15 दिसंबर तक निःशुल्क परिधीय धमनी रोग शिविर…

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में बिना चीर-फाड किये सफल इलाज पिन होल तकनीक द्वारा बडी धमनी का सफल उपचार उपलब्ध

 

 

 

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल मे

निःशुल्क परिधीय धमनी रोग शिविर का आयोजन आज से 15 दिसंबर तक सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक किया जाएगा

 

 

 

कृपया परिधीय धमनी रोग शिविर के लिए निम्नलिखित नंबर 01356672350 / 8279839314 पर पंजीकरण करें (श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल)

 

 

 

 

 

 

11-15 दिसंबर 2023 तक श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में निःशुल्क परिधीय धमनी रोग शिविर

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में हाथ और पैरों की खून की नसों की बीमारियो की जांच हेतु निःशुल्क परीक्षण श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में बिना चीर-फाड किये सफल इलाज पिन होल तकनीक द्वारा बडी धमनी का सफल उपचार उपलब्ध है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में बिना चीर-फाड़ किये पिन होल तकनीक द्वारा बडी धमनी का सफल उपचार उपलब्ध है। इस निःशुल्क परिधीय धमनी रोग शिविर का आयोजन आज से 11 दिसंबर 2023 से गुरुवार 15 दिसंबर 2023 तक सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक किया जाएगा। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के तीन वरिष्ठ इंटरवेन्शनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत सारडा, डॉ.महेन्द्र बिन्ड व डॉ.रोहित शर्मा शिविर में रोगियों को निःशुल्क परार्मश देंगे। ऐसे सभी रोगी जिन्हें पेरिफेरल आर्टरी डीजीज जैसे हाथ व पैरो में कमजोरी व दर्द, हाथ पैर और उॅगालियों में न ठीक होने वाले जख्म, त्वचा का रंग काला होना, दुसरे पैर की तुलना में एक पैर का ठंडा होना, पैर की उंगलियों के नाखुन खराब होना, पैरों पर बालों का नहीं उगाना इत्यादि लक्षण हो वे इस निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का लाभ ले सकते है।कृपया परिधीय धमनी रोग शिविर के लिए निम्नलिखित नंबर 01356672350 / 8279839314 पर पंजीकरण करें। डॉ प्रशांत सारडा ने जानकारी दी कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में बिना चीर-फाड किये सफल इलाज पिन होल तकनीक द्वारा बडी धमनी का सफल उपचार उपलब्ध है। उन्होनें बताया कि सीजीएचएस, एसजीएचएस, ईसीएचएस, ईएसआईसी, आयुष्मान के लाभार्थियो का उपचार भी पिन होल तकनीक के अंतर्गत किया जा रहा है।

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