• Fri. Feb 14th, 2025

Network10 Live

Uttarakhand News Portal

जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें बीकेटीसी, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है

Share this

मुख्यमंत्री धामी के निर्देशानुसार रेस्क्यू के साथ राहत एवं उपचार कार्य जारी

 

केदार घाटी में विभिन्न पड़ावों में फंसे श्रद्धालुओं एवं तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने एवं भोजन उपलब्ध कराने के लिए संबंधित विभाग लगातार कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी के निर्देशानुसार रेस्क्यू के साथ राहत एवं उपचार कार्य जारी
18 हजार फूड पैकेट्स, 35 हजार पानी की बोतलें वितरित

जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें बीकेटीसी, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है

भारी बारिश के कारण केदार घाटी में रास्ते क्षतिग्रस्त होने के चलते विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सहित अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य कर रहे हैं। हर स्तर पर सभी लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

जिलाधिकारी के निर्देशन में केदार घाटी में विभिन्न पड़ावों में फंसे श्रद्धालुओं एवं तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने एवं भोजन उपलब्ध कराने के लिए संबंधित विभाग लगातार कार्य कर रहे हैं। जिला पूर्ति अधिकारी केएस कोहली ने बताया कि बीते रोज गुरूवार सुबह से ही यात्रा मुख्य पड़ावों में फंसे श्रद्धालुओं को फूड पैकेट, पेयजल एवं भोजन की व्यवस्था करवाई जा रही है। केदारनाथ, लिनचोली, भीमबली, सोनप्रयाग, शेरसी, गुप्तकाशी एवं चैमासी सहित अन्य स्थानों पर शुक्रवार दोपहर 3ः30 बजे तक लगभग 18000 फूड पैकेट्स, करीब 35 हजार पानी की बोतलें उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं। इसके अलावा जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें बीकेटीसी, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विमल गुसाईं ने बताया कि अब तक सोनप्रयाग, गौरीकुड व शेरसी में 286 लोगों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई है। शुक्रवार को लगभग एक हज़ार लोगों को हेली सेवाओं से एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया है। वहीं सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच 3500 से अधिक लोगों को मैनुअल रेस्क्यू किया जा चुका है।

Share this

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed